Jabalpur News: शिया समुदाय का मातमी जुलूस

Jabalpur News: Shia community's mourning procession

Jabalpur News: शिया समुदाय का मातमी जुलूस

आर्य समय संवाददाता, जबलपुर। मोहर्रम की सात तारीख (3 जुलाई) को सुबह से महिला एवं पुरुषों की मजलिस का सिलसिला रहा दोपहर 2 बजे घंटाघर स्थित बाबा जाफरी के इमामबाड़े में मजलिस हुई। जिसमें जनाब नाईब रिजवी एवं एहतिशाम हैदर ने मर्सिया एवं सलाम पढ़ा उसके पश्चात लखनऊ से तशरीफ लाए मौलाना जाबिर अंसारी ने मजलिस को संबोधित किया जिसमें बड़ी संख्या में शिया बंधुओं ने उन्हें सुना मौलाना ने अपने सम्बोधन में कहा कि हर मुसलमान को अपने बच्चों को बताना होगा कि मोहर्रम केवल एक महीने का नाम नहीं है।

बल्कि मोहर्रम नाम है एक आंदोलन का भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन न इंसाफ़ी, अत्याचार और बुराइयों के खिलाफ इस महीने की घटना वो घटना हैं जो सोते हुए इंसान को झिंझोड़ती है। मजलूमों के अंदर उम्मीद की किरण पैदा करती है। और ज़ालिम के खिलाफ आवाज़ उठाने का हौसला देती है। यजीद जो उस समय का सुपर पावर समझा जाता था उसने सत्ता के मद में चूर तमाम बुराइयों को जो सभ्य समाज में बुरी समझी जाती भी राइज करना चाहा। तो उस समय के अच्छ अच्छे उसके खिलाफ खड़े होने की हिम्मत नहीं कर सके।

यजीद चाहता था कि पैगम्बर हजरत मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन उसका समर्थन करें। इंसानियत के रहबर हजरत इमाम हुसैन उसके खिलाफ खड़े हुए और अपने घर वालो और दोस्तों को लेकर उसका विरोध किया। इमाम हुसैन ने अपने घर वालों और दोस्तों समेत शहादत कुबूल की लेकिन यजीद को अपने नाजायज मकसद में कामयाब न होने दिया।

बाद मजलिस इमामबाड़े से मातमी जुलूस निकला जुलूस में शुजाअत रिजवी शमसुल, काज़िम एवं फैजान नकवी नोहा पढ़ रहे थे। जिस पर शिया बंधुओं ने मातम किया" जुलूस घंटाघर, बड़ी ओमती, गलगला चौराहे होते हुए सायंकाल 6 बजे गलगला शिया इमामबाड़े में समापन हुआ। संस्था सचिव जनाब अफसर हुसैन "फीजू" ने प्रशासनिक सहयोग हेतु आभार व्यक्त किया।

देखिए वीडियो - https://youtu.be/emNX8yNqaAo